Ashish Pandey SEO
हमारे द्वारा लिखे गए कुछ हमारे ही विचार……
जख्म जो उभरे है दिल टूट जाने से
दूर और जाता है पास वो बुलाने से…
तकलीफ होती होगी उसको भी बहुत
ना जाने क्या सोचती है पास वो आने से….
रहेगा इन्तेजार कि आयेगा वो पास
दिल खोल के बताना है उस अन्जाने से..
आना चाहे तो रोकता है कोई
तकल्लुफ तो यही है इस जमाने से….
खुशी मिलती है उसकी एक झलक पाने से, जख्म जो उभरे है दिल टूट जाने से…….
सौजन्य से
आशीष पाण्डेय
Ashish seo
Dedicated to my Friends Written by me.
दिल का ये दर्द अकेले मे कुछ कहता है..
सुनता है करता है फिर भी चुप रहता है.
है खुशिया हजारो और लाखो है दर्द
फिर भी साथ चलने को बेकरार ये रहता है
मिलती है मोहब्बत जुदाई और गम
साथ देता ये दिल हमेशा ही रहता है
अक्सर मुझे सोचने पर मजबूर ये करता है
दिल का ये दर्द अकेले मे कुछ कहता है………………….
सौजन्य से ….
आशीष पाण्डेय
Ashish
हमारे द्वारा लिखे गए कुछ हमारे ही विचार.
एक अन्जान सा चेहरा कुछ खास सा लगने लगा है.
रह के दूर मुझसे पास सा लगने लगा है.
ऊम्मीद करता हु कि उसका प्यार होगा सच्चा
बाते करना उससे मुझे लगता है अच्छा
मोहब्बत के रंग मे रंगने का मन करने लगा है
एक अन्जान सा चेहरा कुछ खास सा लगने लगा है
सौजन्य से ….
आशीष पाण्डेय
Ashish
हमारे द्वारा लिखी गयी ” माँ की ममता” पे चंद lines …कृपया अपनी राय ब्यक्त करे…अगर पसंद आये तो लाइक करे.
जब भी याद आती है ममता मेरे आगन की,
दिल खुश हो जाता है मत पूछो मेरे मन की !
वो माँ का प्यार वो माँ का दुलार,याद आता है मुझे वो सब बार बार,
वो बचपन मे माँ का खाना खिलाना प्यार से बालो को सवारना !!
यारो अब मै कैसे बताउ बाते अपने जीवन की ,
दिल खुश हो जाता है मत पूछो मेरे मन की !!
मत पूछो मेरे मन की
सौजन्य से ….
Ashish Pandey
Ashish hardoi
Ashish
दीवानो की सी है हालत मेरी ..आगे भी रहेगी
इस दिल मे है जो कसक वो आगे भी रहेगी!
किसी और को देखने का दिल अब नहीं करता है,
इन आँखों मे जो शर्म थी वो आगे भी रहेगी !
दिल चाहता है एक बार कि ,फिर से करो मुझे प्यार,
फिर छोड़ जाने कि इजाजत तुझे आगे भी रहेगी
सौजन्य से ….
Ashish Pandey Seo
बस उसी सख्श का नाम लिये जा रहा है ..
ना जाने क्यु उसे दिल आज भी याद करता है .
मै हूँ उसके पास ..शायद ये दिल बार बार कहता है …
दिन मे ना चैन है.. राते भी कितनी बेचैन है ..
दिन तो फिर भी कट जाते है .रातो को रोते ये मेरे नैन है..
और मेरी आँखों का दरिया बस यही धुन लगाये जा रहा है ..
ये दिल जो है बस कहे जा रहा है………………
तुम जो हुए हो तन्हा , मुझे ना करना
उसकी नादानियों को खुद में समेटे रहना
मेरी हर शांत धक् धक् के पीछे है उसकी बीती इनायते
हो गुलज़ार उसकी अदाएं ये हर पल दूआ करना
तूने जो दी है दुआएँ उसको उन्ही के सहारे वो जिए जा रहा है
…..
ये दिल जो है बस कहे जा रहा है
सौजन्य से ….
Ashish
Dil ke tutne ki bahut takleef hoti hai yaaron…….
Kinaro ke dard ka haal kabhi samandar se pucho…………..
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